तर्क वितर्क प्रस्तुत है
प्रत्युत्तर के अंदाज में
की क्या अंतर आया है
कल में और आज में !!
प्रभुवर्ग तो अब भी हैं
साम्राज्य फैलाये समाज में
की क्या अंतर आया है
कल में और आज में !!
फरेबी नियत खोखली निति
शोर नहीं एतराज में
की क्या अंतर आया है
कल में और आज में !!
सिंहासन बदली फितरत वही
भारत के लोकराज में
की क्या अंतर आया है
कल में और आज में !!
है वही लुट और वही शोषण
नए युग के आगाज में
की क्या अंतर आया है
कल में और आज में !!
वक्त का तकाजा मुकेश
जूनून भर परवाज में
दिखा दे अंतर दुनिया को
कल में और आज में!!
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